एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं। इस बीच जोशीमठ की जमीन में दरारें बढ़ती जा रही हैं। आपता प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत सिन्हा के नेतृत्व में आठ सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल ने स्थिति का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को भेज दी है। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद कई निर्णय लिए गए। बैठक के दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी एंड सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से कहा गया कि वे विशेषज्ञों की टीम के जरिए अध्ययन करें और सिफारिशें दें। जोशीमठ भू धंसाव मामले पर पीएमओ में हाई लेवल मीटिंग हो रही है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव अध्यक्षता में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव उत्तराखंड ने जोशीमठ से प्रधानमंत्री कार्यालय को जानकारी दी। जोशीमठ के 25 फीसदी इलाके इस भू धंसाव से प्रभावित बताए जा रहे हैं। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस मामले में याचिका दाखिल की है। याचिका में मांग की गई है कि प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता दी जाए और उनकी संपत्ति का बीमा करवाया जाए।